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एक बदलाव

जहां पर आपका इरादा सही होता है तब आपको जो अवसर मिलता है वो अनपेक्षित होता है । ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ 2019 में.

December 2019 में एक कॉल पे मैने आदित्य झुनझुनवाला से बात किया और उनसे बात करना और पुणे जाना ये सब अपने आप  हो गया या और इस्को मौका समज कर के मेने फेलोशिप का पार्ट बन गया 17 जून 2020 को, उसके बाद जो सफर शुरू हो गया, तब से लेके अभी तक जो भी किया अच्छे विचार से किया और अपना १००% दिया.

 

ये फेलोशिप का हिस्सा बनने का एक ही लक्ष्य था वो था  सीखना, नयी नयी वस्तु ए सीखना और खुदको चुनौती देना, जब मुझे पहला प्रोजेक्ट मिला तब मैंने ठान लिया था कि इस ऑपर्टूनिटी का उपयोग करेंगे और रिज़ल्ट लाऊँगा वो प्रोजेक्ट में भी हमने रिजल्ट ओरिएंटेड  काम किया, हमने एक स्टार्ट उप को मार्केटिंग कैंपेन सेट करके दिया और मैंने उसमें बिजनेस कैनवस मॉडल सिखा.

मुझे पब्लिक स्पीकिंग से बहुत डर लगता था परंतु मैंने कभी कोशिश भी की थी लेकिन मैंने जिद पकड़ ली थी कि मुझे अपना ये डर ​​निकालना है इसलिए मैंने GREEN ROOM को ज्वाइन कर लिया क्योंकि ग्रीन रूम एक ऐसी जगह है जहां मुझे एक ग्रुप को होस्ट करना था. धीरे धीरे मेरा Public speaking 

डर कम हो गया और में पिछले छह माह से ग्रीन रूम का सदस्य हु.



ये सफ़र मुझे जो भी अवसर मिले उनको बिना कुछ सोचे समझे  लेता रहा और और मेहनत करता रहा और इसकी वजह से मेरी ताकत और कमजोरी के काम मुझे पता चला और उसपे काम कैसे करना हे वो भी मेरी जिद की वजह से ही हुआ है.

ज़िद्द ये शब्द मेरी जिंदगी को हैंडल कर रहा हे.  और ये जो भी अवसर मुजे मिले हे वो ज़िद की बदोलत हे 

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Intention, stubborn, hardworking

ये तीन शब्द मेरे जीवन की परिभाषा है

ये सब गुणवंत थी मेरे पास परंतु लेकिन एक बदलाव की खोज थी, जो मुझे लगता है कि ये फेलोशिप के माध्यम से पता चल गई.
वो था मेरा अहंकार.

मे जब स्कूल में था तब से मुझे मेरे मित्र और रिश्तेदार बोलते है की तुझे तो कुछ करने की ज़रूरत नहीं है क्यूँकि तुम लोगों का गोल्ड आभूषणों बेचने का business हे. जो लोग भी मुजे ऐसा बोलते हैं तो पहले में ऐसा सोचता था कि मेरे पास ये बिजनेस क्यु हे मुझे नहीं चाहिए कुछ, जो भी करेंगे खुद करेंगे।

ये अहंकार था मेरा कि जो भी करेंगे खुद करेंगे मुझे किसी की मदद नहीं चाहिए, जो मेरे ये भविष्य के लिये नुकसान कारक होता.

जो ये सफ़र के दौरान मुजे पता चला है कि जो भी मेरे पास हे उसको मुझे ख़ुशी ख़ुशी ले लेना चाहिए, जो भी चीजें मेरे पास हे उसका सही उपयोग करना चाहिए , तभी इसका सही उपयोग में अपने jewellery शॉप को बढ़ाने में करुंगा.

 अभी जब मुझे लोग बोलते हे की तेरा तो ज़िन्दगी सेट हे तुझे तो कुछ करने की  ज़रूरत नहीं है तो अभी मैं बोलता हु “ हाँ तो , ये में DESERVE करता हु “

 

ये एक बदलाव, आपके पास जो भी है उसको देखने का नजरिया बदल सकते हे

UG MED Program

Rahul Devkar

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